पंचकूला प्रेस भवन के लिए गंभीर है सरकार: एमडब्ल्युबी
Panchkula Press Bhavan
डिजिटल मीडिया एक्राडिशन में संशोधन तथा नियमों में छूट के लिए डा.अमित अग्रवाल ने अधिकारियों को निर्देश दिए
15 साल से सक्रीय पत्रकारों को दस हजार रूपए मानदेय प्रदान करे सरकार- चंद्रशेखर धरणी
हरियाणा सरकार एमडब्ल्यूबी की मांगें कर रही है पूरी-चंद्रशेखर धरणी
चंडीगढ़। Panchkula Press Bhavan: हरियाणा के पत्रकारों के कल्याण के लिए बीते लंबे समय से कार्य कर रही मीडिया वेलबींग एसोसिएशन जल्द ही सफलता की एक नई इबारत लिखने जा रही है। संस्था द्वारा पंचकूला में राज्य स्तरीय प्रेस भवन बनवाए जाने की मांग पर सराकर ने सहमति व्यक्त की है। भाषा. लोक संपर्क एवं जन सूचना विभाग के महानिदेशक तथा मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डा.अमित अग्रवाल ने पत्रकारों की जरूरतों को जायज माना है। शुक्रवार को मीडिया वेलबींग एसोसिएशन के प्रतिनिधि मंडल से मुलाकात के दौरान डा.अमित अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री भी पत्रकारों के कल्याण को लेकर गंभीर हैं और इस दिशा में अनेक प्रकार के ऐसे कार्य किए जा रहे हैं जिनका भविष्य में पत्रकारों को भरपूर लाभ मिलेगा। पंचकूला में प्रस्तावित प्रेस भवन के विषय पर उन्होंने एसोसिएशन पदाधिकारियों से भवन का नक्शा, प्रारूप एवं वहां पर उपलब्ध करवाई जा सकने वाली अन्य प्रकार की सुविधाओं की जानकारी मांगी है। प्रेस भवन को जल्द से जल्द बनवाए जाने पर सहमति व्यक्त करते हुए और बेहद सरारात्मक तरीके से डा.अग्रवाल ने कहा कि इस संबंध में एसोसिएशन का प्रतिनिधि मंडल भाषा एवं जनसूचना विभाग के अतिरिक्त निदेशक से मुलाकात करते हुए उपरोक्त तमाम जानकारियां उपलब्ध करवाएं जिसके बाद सरकार द्वारा इस पर आगामी कार्यवाही की जा सके।
मीडिया वेलबींग एसोसिएशन का प्रतिनिधि मंडल आज उत्तर भारत के अध्यक्ष चंद्रशेखर धरणी की अध्यक्षता में डा.अमित अग्रवाल से मिला। इस प्रतिनिधि मंडल में चंडीगढ़ यूनिट के प्रदेशाध्यक्ष भूपेंद्र शर्मा, मीडिया विभाग के प्रभारी सुनील सरदाना, मीडिया विभाग के सह प्रभारी दीपक मिगलानी और कुरुक्षेत्र जिलाध्यक्ष पवन चोपड़ा, विकेश शर्मा प्रमुख रूप से मौजूद रहे। प्रतिनिधि मंडल ने पत्रकारों के लिए कैशलैस योजना शुरु किए जाने पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल एवं डीजी डा.अग्रवाल का आभार व्यक्त किया। डा.अग्रवाल ने वायदा किया कि पत्रकारों को जल्द ही कैशलैस कार्ड उपलब्ध करवाए जाएंगे, इसके लिए वे प्रयासरत्त हैं और संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए जा चुके हैं। पत्रकारों की पैंशन को दस हजार रूपए से बढ़ाकर 15 हजार रूपए किए जाने पर भी एमडब्ल्यूबी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर धरणी ने सरकार और डीजी डा.अमित अग्रवाल का आभार व्यक्त किया। धरणी ने कहा कि एमडब्ल्यूबी ने जब जब पत्रकारों के कल्याण के लिए किसी नीति को जारी करने की मांग की है, सरकार ने सदा ही इसे गंभीरता से लिया है और डा. अमित अग्रवाल ने उस नीति को पूरा करवाने में सकारात्मक अहम भूमिका निभाई है।
डा. अमित अग्रवाल ने एमडब्ल्यूबी की कार्यप्रणाली की सराहना करते हुए कहा कि सरकार और विभाग के संज्ञान में है कि एमडब्ल्यूबी द्वारा केवल पत्रकारों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए ही कार्य किया जाता है। उन्होंने कहा कि सीएम मनोहर लाल पत्रकारों एवं उनके परिवारों के स्वास्थ्य, उनकी आर्थिक स्थिती और अन्य प्रकार की परेशानियों के प्रति गंभीर हैं। इसलिए जब भी एमडब्ल्यूबी द्वारा किसी गंभीर मुद्दे को सरकार के समक्ष रखा जाता है तब उस पर गंभीरता से कार्यवाही की जाती है और यह प्रयास किया जाता है कि जल्द से जल्द पत्रकारों को लाभ प्रदान किया जाए। पत्रकारों की पैंशन बढौतरी, पत्रकारों के लिए कैशलैस सुविधा प्रदान किया जाना, सोशल मीडिया के लिए मीडिया पॉलिसी इसका पुख्ता उदारहण है जिसे एमडब्ल्यूबी ने उठाया और सरकार ने उस पर मोहर लगाते हुए उसे पूरा करने का काम किया।
एसोसिएशन द्वारा पत्रकारों को हरियाणा हाऊसिंग बोर्ड के मकानों में चार प्रतिशत का आरक्षण दिए जाने की मांग उठाई गई। इस पर डा.अग्रवाल ने कहा कि सरकार द्वारा पत्रकारों के लिए हाऊसिंग बोर्ड में ऐसी व्यवस्था कर दी गई है। सोशल मीडिया एवं डिजिटल मीडिया के लिए एक्राडिशन में संशोधन तथा नियमों में छूट के लिए एमडब्ल्यूबी द्वारा रखी गई मांग पर डा.अमित अग्रवाल ने संबंधित अधिकारियों से फोन पर बात की और यह प्रावधान करने के निर्देश दिए।
एसोसिएशन के अध्यक्ष चंद्रशेखर धऱणी ने मांग की कि हरियाणा प्रदेश में अनेक ऐसे पत्रकारिता संस्थान कार्य कर रहे हैं जिनके मुख्यालय पंजाब, नोएडा अथवा दिल्ली में हैं। ऐसे में इन संस्थानों को भी मान्यता प्रदान करने का प्रावधान किया जाए। हरियाणा सरकार के द्वारा डिजिटल मीडिया के लिए बनाए गए नियमों में मान्यता प्रदान करने की व्यवस्था को सरल किया जाए तथा पड़ोसी राज्य पंजाब व अन्य राज्यों की तर्ज पर संशोधन किया जाए। किसी भी वेब मीडिया का मुख्यालय चाहे हरियाणा से बाहर हो, उन्हें भी मान्यता प्रदान की जाए। उन्होंने सरकार से मांग की कि मीडिया जगत की आर्थिक स्थिति सुदृढ नही है। सरकार हरियाणा के सभी जिलों में 15 साल से अधिक सक्रिय पत्रकारों के परिवारों के सहयोग के लिए 10 हजार रुपए प्रतिमाह मानदेय देने पर विचार करे।
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